हिन्दू धर्म ग्रंथो में अनेको श्रापो का वर्णन है तथा हर श्राप में कोई न कोई कारण छुपा था. कुछ श्राप में संसार की भलाई निहित थी तो कुछ श्राप का उनके पीछे छिपी कथाओ में महत्वपूर्ण भूमिका थी. आज हम आपको ऐसे 5 श्रापो के बारे में बताने जा रहे जिनका इतिहास में तो महत्वपूर्ण योगदान था ही परन्तु इनका प्रभाव वर्तमान में भी प्रमाण के रूप में देख सकते है . आइये जाने कौन से थे वे प्रमुख 5 श्राप… 1 .युधिस्ठर ने दिया था सभी स्त्रियों को यह श्राप :- प्रसिद्ध ग्रन्थ महाभारत के अनुसार जब युद्ध समाप्त हुआ तो माता कुंती ने पांडवो के पास जाकर उन्हें यह रहस्य बताया की कर्ण उनका भाई था. सभी पांडव इस बात को सुनकर दुखी हुए. युधिस्ठर ने विधि-विधान पूर्वक कर्ण का अंतिम संस्कार किया तथा शोकाकुल होकर माता कुंती के समीप गए व उसी क्षण उन्होंने समस्त स्त्री जाती को यह श्राप दे डाला की आज से कोई भी स्त्री किसी भी प्रकार की गोपनीय बात का रहस्य नहीं छुपा पाएगी. 2 . श्रृंगी ऋषि का परीक्षित को श्राप :- जब पांडवो स्वर्गलोक की और प्रस्थान करने हुए तो उन्होंने अपना सारा राज्य अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित के हाथो में सोप दि