श्वेत प्रदर का आयुर्वेदिक इलाज श्वेत प्रदर रोग के कारण लक्षण और घरेलू उपचार सफ़ेद पानी का इलाज - श्वेत प्रदर के लक्षण श्वेत प्रदर के रोग में माहवारी से कुछ दिन पहले या कुछ दिन बाद योनि द्वार से रक्त के बिना पानी सा आ जाता है । इसे श्वेत प्रदर कहा जाता है । यह रोग कई प्रकार का होता है । यह पतला तथा गाढ़ा होता है । गाढ़ा यानी कि अंडे के श्वेत अंश के समान गाढ़ा, चिकना, चिपचिपा, हरापन, पीलापन तथा कई महिलाओं को गाढ़े पीले रंग का तरल पदार्थ होता है । कई महिलाओं के श्वेत प्रदर में से बहुत दुर्गन्ध आती है । श्वेत प्रदर अचानक ही योनि से बहने लगता है जिसके कारण जांघें भीग जाती हैं । ज्यादा श्वेत प्रदर होने से जांघों के ऊपरी भाग में जलन तथा खुजली पैदा हो जाती है । श्वेत प्रदर के रोग में महिला को सिर में चक्कर आने की शिकायत हो जाती है । इससे हाथ-पैर दुखने लगते हैं । कमजोरी का बहुत अनुभव होता है । श्वेत प्रदर रोग की स्थिति में वैवाहिक महिलायें गर्भ को धारण नहीं कर सकतीं । यह रोग पूरी तरह योनि की सफाई न रखने से तथा अधिक संभोग करने से योनि तथा बच्चेदानी में संक्रमण (इन्फेक्शन) तथा शरीर में रोगों से लड़ने