गर्भधारण से बचने के लिए लड़कियां शारीरिक संबंध से पहले बहुत सारी सावधानियां बरतती है। अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए लड़का-लड़की दोनों सम्बन्ध बनाते वक्त पूरी तरह से सावधानी बरतते हैं। इससे बचने के लिए लड़का अक्सर कंडोम का ही इस्तेमाल करता है। कुछ लड़कियां कंडोम के साथ संबंध बनाने में असहज महसूस करती हैं लेकिन मजबूरी में उन्हें इसका इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके अलावा और भी बहुत-सी चीजें हैं जिनका इस्तेमाल करके प्रेग्नेंट होेने से बचा जा सकता है। इस सब की जानकारी लड़के-लड़की दोनों को होना बहुत जरूरी है।
गर्भनिरोधक गोली :- बाजार में ऐसी बहुत-सी गर्भनिरोधक दवाईयां हैं जिससे प्रेग्नेंसी से बचा जा सकता है। लेकिन इन दवाओं का इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेनी बहुत जरूरी है।
आई यू डी :- यह प्लास्टिक और कॉपर से बनी होती है इसे कॉपर-टी भी कहा जाता है। प्रेगनेंसी से बचने के लिए इसे महिलाओं के गर्भाशय में रखा जाता है।
इंजेक्शन :- इंजैक्शन भी कंट्रासेप्टिव गोली की तरह प्रेग्नेंसी को रोकता है। एक इंजैक्शन का असर लगभग 10 से 12 हफ्तों तक होता है। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
इंप्लांट :- यह 40 एमएम की छोटी लचीली ट्यूब होती है। इसे महिला की बाजू के ऊपरी हिस्से में डाला जाता है। इससे 3 साल तक प्रेग्नेंसी नहीं होती है। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
गर्भनिरोधक गोली :- बाजार में ऐसी बहुत-सी गर्भनिरोधक दवाईयां हैं जिससे प्रेग्नेंसी से बचा जा सकता है। लेकिन इन दवाओं का इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेनी बहुत जरूरी है।
आई यू डी :- यह प्लास्टिक और कॉपर से बनी होती है इसे कॉपर-टी भी कहा जाता है। प्रेगनेंसी से बचने के लिए इसे महिलाओं के गर्भाशय में रखा जाता है।
इंजेक्शन :- इंजैक्शन भी कंट्रासेप्टिव गोली की तरह प्रेग्नेंसी को रोकता है। एक इंजैक्शन का असर लगभग 10 से 12 हफ्तों तक होता है। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
इंप्लांट :- यह 40 एमएम की छोटी लचीली ट्यूब होती है। इसे महिला की बाजू के ऊपरी हिस्से में डाला जाता है। इससे 3 साल तक प्रेग्नेंसी नहीं होती है। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।